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Friday, June 22, 2018

गुर्जिस्तान

डॉ सुशील भाटी

विश्व में अनेक स्थानों के नाम गुर्जिस्तान रहे हैं| इतिहाकर कैम्पबेल और डी. आर. भंडारकर इन गुर्जिस्तानो को गुर्जरों की उत्पत्ति, आधिपत्य और प्रव्रजन से जोड़कर देखते हैं| विद्वानों ने इस प्रसंग में चार गुर्जिस्तानो का उल्लेख किया हैं|

1. मध्य एशिया में श्वेत हूणों की राजधानी बादेघिज़ (Badeghiz) के समीप स्थित गुर्जिस्तान| ताबारी ने लिखा हैं कि सासानी शासक नौशेरवान ( 537- 79 ई.) बल्ख की तरफ बढ़ा और उसने तुखारिस्तान और गुर्जिस्तान को जीत लिया| उसके अनुसार गुर्जिस्तान के उत्तर में मर्व (Merv) पूर्व में गोर पश्चिम में हेरात और दक्षिण में ग़ज़नी थे| यह स्थान हेन सांग (630 ई.) द्वारा वर्णित जुज़गन (Juzgana) हो सकता हैं| इब्न खुर्ददब (912 ई.) ने बादेघिज़ (Badeghiz) के बाद गुर्जिस्तान का उल्लेख किया हैं|

2. अविभाजित पंजाब के स्वात जिले में स्थित गुर्जिस्तान| वर्तमान में यह उजरिस्तान कहलाता हैं| 

3 ग़ज़नी के समीप स्थित गुर्जिस्तान

वर्तमान में दक्षिण पश्चिम अफगानिस्तान में हेलमंद नदी के किनारे एक गुजरिस्तान हैं| तथा यहाँ एक गूजरी खाशी गाँव भी हैं| एलेग्जेंडर कनिंघम ने इस गुजरिस्तान नगर की संगति हेन सांग द्वारा उल्लेखित हो सों लो नगर से की हैं, जोकि गजनी (हो सी ना) के साथ-साथ उस समय दक्षिण पश्चिम अफगानिस्तान क्षेत्र की दूसरी राजधानी था| हेन सांग ने दक्षिण पश्चिम अफगानिस्तान स्थित अरकोसिया राज्य का वर्णन किया हैं| उसके अनुसार हेलमंद नदी इस राज्य से बहती थी| इसकी दो राजधानी थी, हो सी ना और हो सों लो| कनिंघम ने हो सी ना की पहचान गजनी से तथा हो सों लो की पहचान गूजर अथवा गुर्जिस्तान से की हैं| इस से भी आगे बढ़कर वह हो सों लो की पहचान टोलेमी (100-170 ई.) द्वारा वर्णित अरकोसिया के पश्चिमिओत्तर में स्थित ओज़ल नगर से की हैं जोकि लगभग वही स्थान हैं जहाँ आधुनिक गुजरिस्तान हैं| अतः कनिंघम के अनुसार हेलमंद किनारे स्थित आधुनिक गुजरिस्तान (गूजर) हेन सांग का हो सों लो और टोलेमी का ओज़ल हैं|

भारतीय जनगणना, 1911 के अनुसार हजारा के पश्चिम तथा गजनी के निकट स्थित दोनों गुर्जिस्तानो में अभी भी गुर्जरों की आबादिया हैं|

4. वर्तमान यूरोप स्थित जोर्जिया देश को उसके पडोसी देश तुर्की और ईरान में गुर्जिस्तान बोला जाता रहा हैं| ग्यारहवी-बारहवी शताब्दी में सीरियाई भाषा में गुर्जानी/ गुर्जियान कहा जाता था| रुस के लोग इसे ग्रुजिया कहते हैं| जोर्जिया के लोग गुर्जी कहलाते हैं| जॉर्जियन अकैडमी ऑफ़ साइंस के प्रो. जोर्जी चोगोशविली ( Prof. Georgi Chogoshvili ) तथा जॉर्जियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ जियोग्राफी के प्रो. लेवन मरुअशविली  (Prof Levan Maruashvili) के अनुसार गुर्जरों और जोर्जिया निवासियों के बीच उल्लेखनीय समानताये हैं| ये समानताए दोनों की समान उत्पत्ति या सांझी सांस्कृतिक विरासत की तरफ इशारा कर रही हैं|

गुर्जरों के गुर्जिस्तान सम्बन्ध पर और अधिक शोध की जरुरत हैं| सांग (629-$5) द्वारा वर्णित गुर्जर देश से पहले 537- 79 ई में गजनी के उत्तर और गोर के पूर्व में आधुनिक अफगानिस्तान में  एक गुर्जिस्तान विधमान था| 

सन्दर्भ

1 डी. आर. भण्डारकरफारेन एलीमेण्ट इन इण्डियन पापुलेशन (लेख)इण्डियन ऐन्टिक्वैरी खण्डX L 1911
2 जे.एम. कैम्पबैलदी गूजर (लेख)बोम्बे गजेटियर खण्ड IX भाग 2, बोम्बे, 1899
3 डी. आर. भण्डारकरगुर्जर (लेख)जे.बी.बी.आर.एस. खंड 21, 1903
4 राम शरण शर्माइंडियन फ्यूडलिज्मदिल्ली, 1980
5 जी. ए. ग्रीयरसनलिंगविस्टिक सर्वे ऑफ इंडियाखंड IX  भाग IV, कलकत्ता, 1916
6 डी. आर. भण्डारकर, सम आस्पेक्ट्स ऑफ़ ऐनशिएन्ट इंडियन कल्चर,1989
7. सेन्सस ऑफ़ इंडिया 1911, खंड 29, इशू 1
8. ओ सी हांडा, टेक्सटाइल, कोसट्यूम एंड ओर्नामेंट ऑफ़ वेस्टर्न हिमाल्यास, 1998
https://books.google.co.in/books?isbn=8173870764
9 लुडविग डब्लू. ऐडामेक(संपादक), हिस्टोरिकल एंड पोलिटिकल गजेटियर ऑफ़ अफगानिस्तान, खंड 2, ऑस्ट्रिया, १९७३,.प 98
https://books.google.co.in/books?id=qPVtAAAAMAAJ





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